एक रात - एक पहेली

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(त्रिभंगा कहानी - तीन मोड़- तीन भाग) हाहा.. अब हम इंदौर पहुंच गए हैं... प्रकाश ने अपनी घड़ी देखी और मन ही मन बुदबुदाया। बहुत देर हो चुकी है..आधी रात हो चुकी है। उसने बस के बाहर देखा। इंदौर का नया बस स्टेशन आ गया था। बस स्टेशन पर यातायात बहुत कम थी। बस में केवल आठ यात्री थे। प्रकाश ने कंडक्टर से पूछा, "क्या बस पुराने बस स्टैंड तक जायेगी?" कंडक्टर ने कहा, "बस स्टैंड आ गए! अब बस पुराने स्टेशन पर नहीं जाती। पाँच साल से यात्रा नए स्टेशन पर ही समाप्त होती आ रही है। हाँ, आप अपना टिकट अपने पास रखिए।"

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एक रात - एक पहेली - पार्ट 1

"एक रात - एक पहेली" (भाग ---- पहला)(त्रिभंगा कहानी - तीन मोड़- तीन भाग)हाहा.. अब इंदौर पहुंच गए हैं...प्रकाश ने अपनी घड़ी देखी और मन ही मन बुदबुदाया।बहुत देर हो चुकी है..आधी रात हो चुकी है।उसने बस के बाहर देखा। इंदौर का नया बस स्टेशन आ गया था।बस स्टेशन पर यातायात बहुत कम थी।बस में केवल आठ यात्री थे।प्रकाश ने कंडक्टर से पूछा, "क्या बस पुराने बस स्टैंड तक जायेगी?"कंडक्टर ने कहा, "बस स्टैंड आ गए! अब बस पुराने स्टेशन पर नहीं जाती। पाँच साल से यात्रा नए स्टेशन पर ही समाप्त होती आ रही ...Read More