"पापा जी ! व सर ! आप दोनों केक कटिंग करने आइये प्लीज़ !" राकेश, यानि उसके भतीजे ने कुछ ज़रुरत से अधिक झुकते हुये सामने बैठे उसके रिश्तेदार भइया व बुज़ुर्ग दंपत्ति से कहा। काजल ने अपनी आईलाइनर व मैसकरा लगी पलकें फड़फड़ाईं --वो दोनों मतलब राकेश के बॉस व उनकी पत्नी। सुनील ने उसके चहेरे के भाव को पढ़ लिया व मुस्करा उठा, "ये इस थ्री स्टार होटल के मालिक हैं जिसमें राकेश मैनेजर है। " "ये दोनों ?"उसकी जगह कोई भी होता चौंककर यही पूछता।
Full Novel
अम्मा का मटकी भर सोना और प्लेनचिट - 1
नीलम कुलश्रेष्ठ एपीसोड --1 "पापा जी ! व सर ! आप दोनों केक कटिंग करने आइये प्लीज़ !" राकेश, उसके भतीजे ने कुछ ज़रुरत से अधिक झुकते हुये सामने बैठे उसके रिश्तेदार भइया व बुज़ुर्ग दंपत्ति से कहा। काजल ने अपनी आईलाइनर व मैसकरा लगी पलकें फड़फड़ाईं --वो दोनों मतलब राकेश के बॉस व उनकी पत्नी। सुनील ने उसके चहेरे के भाव को पढ़ लिया व मुस्करा उठा, "ये इस थ्री स्टार होटल के मालिक हैं जिसमें राकेश मैनेजर है। " "ये दोनों ?"उसकी जगह कोई भी होता चौंककर यही पूछता। महंगे कपड़ों में भी उनका दीन हीन व्यक्तित्व ...Read More
अम्मा का मटकी भर सोना और प्लेनचिट - 2
एपीसोड --2 तब मम्मी भक्तिभाव से पूछतीं, "बाबा ! आ गए ? " शीशी `हाँ `पर चली जाती। "नमस्ते !" "प्रणाम बाबा !आप ख़ुश हैं ? " शीशी घूमकर फिर `हाँ `पर रुक जाती .थी। बिट्टी ने फुसफुसाकर था, "ये वही बाबा हैं जो टोपी पहनते थे, बाहर की कोठरी में रहते थे। हमें चने व पिसी शक़्कर का पाऊडर खिलाते थे ?" "हाँ, वही हैं। तू चुप करके बैठ। " "बाबा! आप अचानक कहां गायब हो गए थे ?" पंद्रह बीस मिनट की मशक्कत के बाद उत्तर वही मिलता जो सब उनके गायब होने का अनुमान लगा रहे ...Read More
अम्मा का मटकी भर सोना और प्लेनचिट - 3 (अंतिम भाग)
एपीसोड --3 दस साल की काजल यानि बिट्टी ये नहीं समझी कि मौसी कल्ला को हवा नहीं लगने देना रहीं कि वे गढ़ा खजाना खोज रहे हैं। उसने टांग अड़ा दी थी, "फिर बड़ी नानी की आत्मा ने प्लेनचिट पर ----." "तम चुप रहो बिट्टी !क्या बोल रही हो ?"शारदा मौसी ने उसे बोलने नहीं दिया। कल्ला को पांच रूपये थमा दिये, "जब इसको कोने में खिसकाना होगा तो तुम्हें ही बुलाएंगे। तब और इनाम मिलेगा। " "अच्छा ?"एक दो रूपये की उम्मीद बांधे कल्ला के लिये इतना रुपया बहुत था। वह दो बार सलाम ठोंककर गया। बिंदु मौसी ...Read More