जगदंब साठिका - समीक्षा व छन्द

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"जगदंब साठिका" दरअसल जगदंबा माता के स्तुति गान के क्रम में 60 छंदों का संग्रह है। पण्डित मन्नीलाल उर्फ मणिलाल मिश्र कानपुर वालों के द्वारा लिखित ऐसे साठ विलक्षण छन्द हैं । संस्कृतनिष्ठ उत्कृष्ट हिंदी में लिखे इन छंदों में देवी के विभिन्न रूपों को याद किया गया है। उनकी स्तुति की गई है । उनके द्वारा किए जाने वाले कार्य बताए गए हैं और उनसे निवेदन किया गया है कि वे भक्त के कार्य करें । अगर इन्हीं छंदों को संस्कृत में लिख दिया जाता तो उत्कृष्ट कोटि के मंत्र कहे जाते। इसलिए बेहिचक इन छंदों को उत्कृष्ट कोटि के हिंदी मंत्र कहा जा सकता है।

Full Novel

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जगदंब साठिका - समीक्षा व छन्द - 1

जगदंब साठिका - समीक्षा व छन्द "जगदंब साठिका" दरअसल जगदंबा माता के स्तुति गान के क्रम में 60 छंदों संग्रह है। पण्डित मन्नीलाल उर्फ मणिलाल मिश्र कानपुर वालों के द्वारा लिखित ऐसे साठ विलक्षण छन्द हैं । संस्कृतनिष्ठ उत्कृष्ट हिंदी में लिखे इन छंदों में देवी के विभिन्न रूपों को याद किया गया है। उनकी स्तुति की गई है । उनके द्वारा किए जाने वाले कार्य बताए गए हैं और उनसे निवेदन किया गया है कि वे भक्त के कार्य करें । अगर इन्हीं छंदों को संस्कृत में लिख दिया जाता तो उत्कृष्ट कोटि के मंत्र कहे जाते। इसलिए ...Read More

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जगदंब साठिका - समीक्षा व छन्द - 2

जगदंब साठिका - समीक्षा व छन्द 2 "जगदंब साठिका" दरअसल जगदंबा माता के स्तुति गान के क्रम में 60 का संग्रह है। पण्डित मन्नीलाल उर्फ मणिलाल मिश्र कानपुर वालों के द्वारा लिखित ऐसे साठ विलक्षण छन्द हैं । संस्कृतनिष्ठ उत्कृष्ट हिंदी में लिखे इन छंदों में देवी के विभिन्न रूपों को याद किया गया है। उनकी स्तुति की गई है । उनके द्वारा किए जाने वाले कार्य बताए गए हैं और उनसे निवेदन किया गया है कि वे भक्त के कार्य करें । अगर इन्हीं छंदों को संस्कृत में लिख दिया जाता तो उत्कृष्ट कोटि के मंत्र कहे जाते। ...Read More

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जगदंब साठिका - समीक्षा व छन्द - 3 (अंतिम भाग)

जगदंब साठिका - समीक्षा व छन्द 3 "जगदंब साठिका" दरअसल जगदंबा माता के स्तुति गान के क्रम में 60 का संग्रह है। पण्डित मन्नीलाल उर्फ मणिलाल मिश्र कानपुर वालों के द्वारा लिखित ऐसे साठ विलक्षण छन्द हैं । संस्कृतनिष्ठ उत्कृष्ट हिंदी में लिखे इन छंदों में देवी के विभिन्न रूपों को याद किया गया है। उनकी स्तुति की गई है । उनके द्वारा किए जाने वाले कार्य बताए गए हैं और उनसे निवेदन किया गया है कि वे भक्त के कार्य करें । अगर इन्हीं छंदों को संस्कृत में लिख दिया जाता तो उत्कृष्ट कोटि के मंत्र कहे जाते। ...Read More