सपनों के साथ प्यार

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रुचिका और मिहिर की मुलाकात किसी बड़े प्रेमकहानी के शुरू होने का संकेत नहीं थी, बल्कि यह तो बस एक साधारण सा दिन था, जिसमें एक दुर्घटना के रूप में उनका मिलना हुआ। दोनों ही लोग अपनी-अपनी दुनिया में खोए हुए थे। मिहिर, अपने जीवन के संघर्षों में जूझता हुआ, अपनी नीरसता से उबरने की कोशिश कर रहा था। वहीं, रुचिका ने भी कभी महसूस किया था कि उसे अपने जीवन में कुछ और चाहिए। यह मुलाकात दोनों की तकदीर को बदलने वाली थी। मिहिर सुबह-सुबह अपने ऑफिस के लिए निकलते हुए स्टेशन पर खड़ा था, और ट्रेन का इंतजार कर रहा था। उसी दौरान रुचिका भी स्टेशन पर आई, उसकी आँखों में एक ऐसा खालीपन था, जो कि मिहिर ने कभी महसूस किया था। वह दोनों एक ही ट्रेन के कोच में बैठे। मिहिर ने अपनी आँखें झुका ली थीं, मगर रुचिका की उपस्थिति ने उसे कुछ अलग महसूस कराया।

Full Novel

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सपनों के साथ प्यार - भाग 1

---प्रेम की अनकही कहानीरुचिका और मिहिर की मुलाकात किसी बड़े प्रेमकहानी के शुरू होने का संकेत नहीं थी, बल्कि तो बस एक साधारण सा दिन था, जिसमें एक दुर्घटना के रूप में उनका मिलना हुआ। दोनों ही लोग अपनी-अपनी दुनिया में खोए हुए थे। मिहिर, अपने जीवन के संघर्षों में जूझता हुआ, अपनी नीरसता से उबरने की कोशिश कर रहा था। वहीं, रुचिका ने भी कभी महसूस किया था कि उसे अपने जीवन में कुछ और चाहिए। यह मुलाकात दोनों की तकदीर को बदलने वाली थी।मिहिर सुबह-सुबह अपने ऑफिस के लिए निकलते हुए स्टेशन पर खड़ा था, और ट्रेन ...Read More

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सपनों के साथ प्यार - भाग 2

प्रेम की अनकही कहानी - भाग 2रुचिका और मिहिर के जीवन में एक नई शुरुआत हो चुकी थी। दोनों अपनी-अपनी राहें चुनी थीं, लेकिन उनके दिलों के बीच एक अदृश्य बंधन था, जो उन्हें कभी दूर नहीं कर सकता था। अब वे दोनों अपनी-अपनी जिंदगी में व्यस्त थे, लेकिन यह समझते हुए कि यह दूरी उनकी जिंदगियों को और भी गहरा बना सकती है।मिहिर ने अपने करियर में काफी सफलता हासिल की थी, लेकिन वह जानता था कि इस सफलता में अकेले का हाथ नहीं था। वह रुचिका का आभार महसूस करता था, क्योंकि जब भी वह थका-हारा महसूस ...Read More

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सपनों के साथ प्यार - भाग 3

समय के साथ मिहिर और रुचिका के रिश्ते ने एक नए मोड़ को लिया था। दोनों ने अपने-अपने क्षेत्रों सफलता हासिल की थी, लेकिन अब उनका जीवन एक नई दिशा में बढ़ रहा था। उनके सपने और प्यार एक साथ चलते थे, और इसने उनके रिश्ते को और भी मजबूत बना दिया था। अब वे सिर्फ एक-दूसरे के प्रेमी नहीं थे, बल्कि एक-दूसरे के सबसे अच्छे दोस्त, साथी और सहयोगी भी बन चुके थे।लेकिन, जैसा कि हर कहानी में कुछ उलझनें होती हैं, वैसे ही उनके जीवन में भी कुछ नए सवाल खड़े हो गए थे। मिहिर और रुचिका ...Read More

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सपनों के साथ प्यार - (अंतिम भाग)

समय के साथ, रुचिका और मिहिर के रिश्ते में एक स्थिरता आ चुकी थी। दोनों ने अपने-अपने रास्ते तय थे, लेकिन उनकी जिंदगियों का सफर अब एक-दूसरे से बंधा हुआ था। उनका प्यार एक गहरी समझ, सम्मान और एक-दूसरे के सपनों की साझेदारी से परिपूर्ण था। अब दोनों जानते थे कि यदि वे अपने प्यार को सच्चाई में बदलना चाहते थे, तो उन्हें कभी भी एक-दूसरे से दूर नहीं होना था।रुचिका ने अपनी कला प्रदर्शनी के बाद दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई थी। उसकी कला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जानी जाती थी, और उसने जो भी काम किया ...Read More