गांव का उजाला.

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एक छोटे से गांव में जहां हर तरफ हरियाली और सादगी थी वही एक लड़का रहता था —निरमय। उसका जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था, जहां  शिक्षा और सपनों की बातें करना भी किसी कल्पना जैसा था । बचपन में ही उसकी माता गुजर गई थी तब से उसके पिता ने ही माता और पिता दोनों के फर्ज निभाएं और अकेले ही उसका— पालन पोषण किया। उसके पिता एक किसान थे, जो मेहनत के बावजूद मुश्किल से परिवार का पेट पाल पाते थे ,लेकिन  Nirmay हमेशा से अपनी अलग पहचान बनाना चाहता था। निर्मय बचपन से ही स्वभाव से

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गांव का उजाला - 1

एक छोटे से गांव में जहां हर तरफ हरियाली और सादगी थी वही एक लड़का रहता था —निरमय। उसका एक साधारण परिवार में हुआ था, जहां शिक्षा और सपनों की बातें करना भी किसी कल्पना जैसा था । बचपन में ही उसकी माता गुजर गई थी तब से उसके पिता ने ही माता और पिता दोनों के फर्ज निभाएं और अकेले ही उसका— पालन पोषण किया। उसके पिता एक किसान थे, जो मेहनत के बावजूद मुश्किल से परिवार का पेट पाल पाते थे ,लेकिन Nirmay हमेशा से अपनी अलग पहचान बनाना चाहता था। निर्मय बचपन से ही स्वभाव से ...Read More

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गांव का उजाला - 2

सूरज की पहली किरण जब नई दिल्ली की पतली गलियों को चूमती, तो ऐसा लगता जैसे यह शहर खुद हर सुबह नया करता हो ।यही नया अनुभव अब निर्मय के लिए इंतजार कर रहा था। जामिया विश्वविद्यालय के विशाल परिसर में कदम रखते ही निर्मय ने खुद को छोटे से गांव की सीमाओं से बाहर निकलते हुए पाया। सब कुछ नया था — लोगों की भाषा उनके पहनावे यहां तक कि उनकी सोच भी। पहले ही दिन क्लास में उसे महसूस हुआ कि यहां पर प्रतिस्पर्धा सिर्फ़ पढ़ाई में नहीं बल्कि खुद को साबित करने में भी है ।निर्मय ...Read More