गाँव का नाम "सतरंगीपुर" था। सुबह का समय था, जब सूरज की पहली किरणें खेतों पर पड़ रही थीं। हवा में ताज़गी और मिट्टी की सौंधी खुशबू थी। गाँव की गलियां जाग चुकी थीं, और हर तरफ चहल-पहल थी। इन्हीं गलियों में, 21 साल का लोकेश अपनी साइकिल पर बैठा दूध की बाल्टी लेकर जा रहा था। हल्की दाढ़ी, चौड़ा माथा, और आँखों में सपने लिए लोकेश पूरे गाँव का चहेता था। उसकी सादगी और मदद करने की आदत उसे सबका प्रिय बनाती थी।
पहली मुलाकात भाग 1
गाँव का नाम "सतरंगीपुर" था। सुबह का समय था, जब सूरज की पहली किरणें खेतों पर पड़ रही थीं। में ताज़गी और मिट्टी की सौंधी खुशबू थी। गाँव की गलियां जाग चुकी थीं, और हर तरफ चहल-पहल थी।इन्हीं गलियों में, 21 साल का लोकेश अपनी साइकिल पर बैठा दूध की बाल्टी लेकर जा रहा था। हल्की दाढ़ी, चौड़ा माथा, और आँखों में सपने लिए लोकेश पूरे गाँव का चहेता था। उसकी सादगी और मदद करने की आदत उसे सबका प्रिय बनाती थी।दूसरी तरफ, 18 साल की मुस्कान, जो हाल ही में अपने मामा के घर शहर से गाँव आई ...Read More