इस कहानी में , एक लड़की एक लड़के से बहुत प्यार करती है मगर उन दोनों के बीच एक रावण आ जाता है और दोनों के बीच इतनी गलत फेमिया भर देता है , इतनी गलत फेमिया भर देता है , की दोनों प्रेमी अलग हो जाते है और दोनों का प्यार अलग हो जाता है। ये कहानी भी एक ऐसी ही कहानी से जुड़ी हुई है की दोनों के बीच प्रेम भी है मोहब्बतें भी है और विश्वास भी है मगर इनके अलावा एक विलन भी होता है.....
D J Chapter 1
इस कहानी में , एक लड़की एक लड़के से बहुत प्यार करती है उन दोनों के बीच एक रावण आ जाता है और दोनों के बीच इतनी गलत फेमिया भर देता है , इतनी गलत फेमिया भर देता है , की दोनों प्रेमी अलग हो जाते है और दोनों का प्यार अलग हो जाता है। ये कहानी भी एक ऐसी ही कहानी से जुड़ी हुई है की दोनों के बीच प्रेम भी है मोहब्बतें भी है और विश्वास भी है मगर इनके अलावा एक विलन भी होता है.....___________________गांधीनगर___________________ये कहानी 5 ...Read More
D J Chapter 2
पात्रों का सेटअप1. विजय : - मुख्य नायक, भ्रष्ट राजनीति और सिस्टम के खिलाफ अपनी अलग सोच और तरीकों लड़ता है। उद्देश्य: जनता की सेवा, चाहे सही हो या गलत तरीके से।2. विजय के समर्थक (जनता) : - विजय के कामों और सोच से प्रभावित लोग।शिवा : - विजय का सबसे भरोसेमंद साथी, जो उसकी योजनाओं को लागू करने में मदद करता है।मीरा : - एक सामाजिक कार्यकर्ता, जो विजय की सोच से प्रेरित होकर गरीबों के लिए काम करती है।3. पुराने नेता/दुश्मन : - भ्रष्ट और लालची नेता, जो विजय की सफलता से चिढ़ते हैं। दिग्विजयसिंह: एक चालाक ...Read More
D J Chapter 3
D J Chapter 3: “अंतिम अध्याय ”छह साल बाद: विजय की विरासत :साल 2026 तक, विजय अब DJ के से जाना जाता था। उसका नाम अब सिर्फ राजनीति में नहीं, बल्कि समाज में बदलाव के एक प्रतीक के रूप में प्रसिद्ध हो चुका था। उसने अपनी पुरानी छवि को एक नेता से लेकर एक क्रांतिकारी योद्धा के रूप में बदल लिया था। उसने न केवल सत्ता का नियंत्रण हासिल किया था, बल्कि उस सत्ता का इस्तेमाल समाज की बेहतरी के लिए किया था। गरीबों के लिए अस्पताल, स्कूल और रोजगार के अवसर प्रदान करने की उसकी योजनाओं ने उसे ...Read More
D J Chapter 4 (अधूरी कहानी का नया मोड़)
“ D J Chapter 1 में जो कहानी अधूरी रह गई थी वह कहानी आज D J Chapter 4 खतम होगी। ”D J – अध्याय 4 : अधूरी कहानी का नया मोड़दर्द और अकेलापनजानवी की मौत के बाद दिग्विजय पूरी तरह टूट चुका था। उसकी दुनिया उजड़ चुकी थी। घर से बाहर निकलना, लोगों से मिलना-जुलना—सब कुछ उसने छोड़ दिया। वह सिर्फ अपने और जानवी के बिताए हुए लम्हों में खोया रहता।हर रात वह अपने कमरे में बैठकर उन चिट्ठियों को पढ़ता, जो जानवी ने उसके लिए लिखी थीं। हर शब्द उसके दिल को छलनी कर देता। "दिग्विजय, तुम ...Read More