JANVI - राख से उठती लौ - 6

लबासना की वादियों में"जब अपने घाव ही अपने गुरु बन जाएं, तो मंज़िल खुद रास्ता बन जाती है।"कुछ ही हफ्तों बाद, जानवी LBSNAA (Lal Bahadur Shastri National Academy of Administration) के लिए रवाना हुई। मसूरी की पहाड़ियाँ, हरी वादियों और स्वच्छ नीला आसमान ये सब अब उस बिना नींद वाली रातों के इनाम थे।लबासना में पहुंचना जैसे कठिन तपस्या के बाद कोई तीर्थ स्थल पाना था। यहाँ देशभर से चुने गए सबसे काबिल और जुनूनी युवाओं की भीड़ थी, और उनमें अब जानवी भी थी।पहली मीटिंग, पहला भरोसालबासना के पहले हफ्ते में एक सत्र में सभी से कहा गयाः"यहाँ आप