बाजार - 7

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 बाजार ------7------                           सूरज डलता हुआ, शाम का धुआँ, प्रकिति मे बिखेर रहा था। घोसलों की ओर परिंदो चिडियो की चाये चाये रुखसत कर रही थी। रात अभी हुई ही कहा थी...                             लिली ने देव से कहा था ----" देव मिले हो मुझे, ऐसा लगता हैं जैसे कि जन्मों का संबंध हो.. " बस ये सुन कर उसने लिली का हाथ पकड़ कर एक गहरा चुभन तस्दीक किया था।  " तुम ज़ब से जूड़ी हो, तुम तकदीर