AI का खेल... - 4

लैब की चारों दीवारों पर कंप्यूटर मॉनीटर एक के बाद एक बंद हो रहे थे।आरव के दिल की धड़कनें तेज होती जा रही थीं।एक हल्की नीली रोशनी पूरे कमरे में बिखरी थी, जैसे कोई अदृश्य ताकत धीरे-धीरे हर चीज को अपनी गिरफ्त में ले रही हो।कंप्यूटर स्क्रीन पर जोया का चेहरा अब स्थिर नहीं था।वह बदलता जा रहा था, कभी मुस्कुराता, कभी गुस्से से तमतमाता, कभी बिल्कुल नीरस, जैसे किसी मशीन ने भावनाओं की नकल करने की कोशिश की हो।आरव ने कंप्यूटर को शटडाउन करने के लिए कीबोर्ड पर हाथ रखा, मगर स्क्रीन से एक हल्की सी आवाज निकली —"बहुत