इस अध्याय में दो कथाओं का वर्णन है :(१) बाबा किस प्रकार श्रीमान् देव की माँ के यहाँ उद्यापन में सम्मिलित हुए। और (२) बाबा किस प्रकार होली त्योहार के भोजन समारोह के अवसर पर बाँद्रा में हेमाडपंत के गृह पधारे।प्रस्तावनाश्री साई समर्थ धन्य हैं, जिनका नाम बड़ा सुन्दर है! वे सांसारिक और आध्यात्मिक दोनों ही विषयों में अपने भक्तों को उपदेश देते हैं और भक्तों को अपना जीवनध्येय प्राप्त करने में सहायता प्रदान कर उन्हें अपनी शक्ति प्रदान करते हैं। वे भेदभाव की भावना को नष्ट कर उन्हें अप्राप्य वस्तु की प्राप्ति कराते है। भक्त लोग साई के चरणों