प्रार्थना:तूने हमें उत्पन्न किया, पालन कर रहा है तू। तुझसे ही पाते प्राण हम, दुखियों के कष्ट हरता तू ॥ तेरा महान् तेज है, छाया हुआ सभी स्थान। सृष्टि की वस्तु-वस्तु में, तू हो रहा है विद्यमान ॥ तेरा ही धरते ध्यान हम, मांगते तेरी दया। ईश्वर हमारी बुद्धि को, श्रेष्ठ मार्ग पर चला ॥मंत्र:ॐ महाज्वालाय विद्महे। अग्निदेवाय धीमहि। तन्नो अग्निः प्रचोदयात्॥अर्थः हे अग्निदेव! आप हमें ज्ञान, ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करें।पहेली:एक बार आता जीवन में, नहीं दुबारा आता। जो मुझको पहचान न पाता, आजीवन पछताता ॥गर्भ संवाद:मेरे प्यारे शिशु, मेरे बच्चे, मैं तुम्हारी माँ हूं…… माँ!— आज मैं तुम्हे तुम्हारे कुछ भौतिक गुणों की याद दिला रही