"हैंडसम बॉय। क्या तुम्हें चोट लगी है?"अकेले बैठे किशोर ने छोटी लड़की की आवाज़ सुनकर सिर उठाया।उसने गुस्से से उसकी ओर देखा। वह जिज्ञासु नज़रों से उसे घूर रही थी, उसकी लाल होंठों के बीच आधा लिकोरिस लटका हुआ था। वह बहुत छोटी थी, पाँच साल से ज़्यादा नहीं, उसने अंदाज़ा लगाया। हल्के भूरे, बेजान और उबाऊ रंग के बाल दो पोनीटेल में बंधे हुए थे।"चोट?" वह खुद से बुदबुदाया।"हम्म। क्या तुम्हें दर्द हो रहा है? क्या मैं डॉक्टर को बुला दूँ?"दर्द?एक अनजान शब्द। एक ऐसा शब्द जो उसके पूरे चौदह साल के जीवन में कभी भी उस पर लागू