"सिर्फ समझने से क्या होता है सर।""सोचने-समझने से ही बड़ी-बड़ी मंजिलें पार होती हैं मिस्टर शर्मा। मैं अपने आप को जो समझता हूं, उसे बहुत जल्दी साबित भी करके दिखाऊंगा।""लेकिन इतनी बड़ी बिल्डिंग का आप क्या करेंगे?" "उसमें में एक बहुत बड़ा शोरूम खोलूंगा।""किस चीज का शोरूम ?"कानून का।""शोरूम में आप बेचेंगे क्या?"कानून की धाराएं।” युवक सपाट स्वर में बोला- “हर धारा का अलग रेट माल की गारंटी ।”“मैं कुछ समझा नहीं।""मिस्टर शर्मा। मेरी नजर में इस दुनिया की सबसे महंगी चीज कानून है। इसे बेचना बहुत बड़े लाभ का सौदा है। मैं अपने शोरूम में वह हर माल रखूंगा,