6 याद अब दोनों गाड़ियों के बीच चूहा-बिल्ली का खेल शुरू हो गया। अश्विन जहाँ -जहाँ गाड़ी घुमाता वह काली गाड़ी भी वहीं मुड़ जाती। अनुज ने गाड़ी में बैठे शख़्स को देखने की बहुत कोशिश की मगर काले शीशे लोगे होने की वजह से वह क़ामयाब नहीं हो गया। अब उसने रेस लगाते अश्विन से पूछा, “यह कौन हो सकता है? “ “पता होता तो अब तक यह गाड़ी चलाने लायक नहीं रहता ।“ अश्विन ने ताव में ज़वाब दिया। “मुझे लगता है, अब एक्शन दिखाने का टाइम आ गया है, “ यह कहते ही अश्विन ने उसे