Vishwash - 30 in Hindi Human Science by सीमा बी. books and stories PDF | विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 30

Featured Books
Categories
Share

विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 30

विश्वास (भाग -30)

संध्या ने दोनो तरफ के कपड़े काफी सिंपल पर अच्छे लिए। "मीनल और टीना ने कहा भी कि इतनी सुंदर हो थोड़ा गहरे रंग और भारी ले लो। नयी नवेली दुल्हन पर अच्छे लगते हैं"।
संध्या -- आँटी जी मम्मी जी ने मेरे लिए काफी तरह की गहरे रंगो की साड़ियाँ ले कर रखी हुई हैं, रोज वो सब नहीं पहन सकती तो इसलिए ऐसे ले रही हूँ जो रोज पहँनू।
मीनल -- "फिर तो ठीक है बेटा। तुम बहुत समझदार हो"।
टीना -- "संध्या क्या मैॆ आपको दीदी बोल सकती हूँ"?
संध्या -- क्यों नहीं , मुझे भी छोटी बहन मिल जाएगी।
मीनल हँसते हुए --- "फिर भुवन को क्या बुलाएगी ? जीजू"!!!
टीना --- नहीं भुवन को भुवन कहूँगी, वो तो दोस्त हैं, वही रहेंगे हमेशा।
मीनल और संध्या एक साथ -- "ठीक है, बाबा"।

भुवन दोनो दिन बस ड्राइवर की तरह साथ घूमता रहा। टीना और मीनल वापिस कैब में आ जाती और संध्या भुवन घर चले जाते। भुवन ने अभी अपनी शॉपिंग नहीं की थी। 3 दिन बाद संध्या को भुवन ने वोल्वो में बिठा दिया था। क्योंकि उसे स्कूल के कुछ काम देखने थे तो 2-3 दिन के लिए ही आयी थी।

भुवन के लिए मोहन के बेटे भी उसके छोटे भाई ही थे। हफ्ते बाद चारों लड़कों को दिल्ली बुला लिया कपडे़ दिलवाने के लिए।
भुवन ने टीना को उनके आने का बताया तो टीना खुश हो गयी।

उधर से उन सबने भी टीना को आने की बताया और उसे फ्री रहने को कहा। " अरे यार मैं क्या करूँगी आप लोगों की शापिंग में? पर मिलने जरूर आऊँगी"। राजेश और नरेन ने कहा," हमारी हेल्प करने के लिए आना पड़ेगा"।

"शेरनी कल सुबह सब आ रहे हैं। तुम आ जाओगी पिछली बार की तरह कैब से या हम आएँ"? "सभी मॉल आपकी साइड ही हैं आप लोग पहले जहाँ चलना हो वहीं मैं डायरेक्ट पहुँच जाऊँगी"। "ठीक है शेरनी फिर हम लोग साकेत मॉल में चलेंगे वहाँ सब मिल जाएगा तुम 1बजे तक पहुँच जाना"। टाइम और जगह का फाइनल करके भुवन ने फोन रख दिया।

टीना ने रात को खाना खाते हुए अगले दिन भुवन के साथ शापिंग के लिए साकेत जाने का बताया। "बेटा जाएगी कैसे" ? "पापा वो लोग तो लेने आ रहे थे , पर मैंने कहा कि कैब से आ जाऊँगी, ठीक है न पापा"? टीना ने बताया।

"ठीक तो है बेटा पर शाम को देर हो सकती है, तुम ड्राइवर के साथ जाना, मैं खुद ड्रॉइव कर लूँगा"। पापा की बात सुन कर वो खुश हो गयी। "थैंक्यू पापा, आप बेस्ट पापा हो, गुडनाइट पापा"। उमेश जी ने कहा, "और तुम मेरी बेस्ट बेटी हो, परी हो समझी"!!! "ये सब तो मैं हूँ ही पापा" । इस बार थोडी इतराते और इठलाती सी बोली।

मीनल पापा बेटी की बातें सुन कर खुश हो रही थी। "उमेश आपने उसको एक बार नहीं कहा कि भुवन के साथ चार लड़के और भी हैं तो तेरे जाने की जरूरत नहीं"। "मीनल अब हमारा जमाना नही रहा, जहाँ लडकियों को लडकों के साथ आने जाने से रोका जा सकता है। मैं टीना को मना करता तो वो नहीं जाती, पर अगली बार किसी से मिलने जाने का मन होगा तो वो हमें झूठ बोल कर जाएगी, और वो मैं नहीं चाहता। फिर भुवन और उसके परिवार को भी हम जानते ही हैं, इसलिए भी मना नहीं किया"। "हाँ आप सही कह रहो हो"। उमेश की पूरी बात सुन कर मीनल को भी ठीक लगा।

अगले दिन टीना ठीक 1 बजे मॉल पहुँच गयी थी। जैसे उसने सोचा था वैसा ही हुआ। भुवन सबके साथ पहले ही पहुँच गया था। काफी सोचने के बाद सबने एक जैसे कपडे लेने का प्लान बनाया। सब कुछ देखने के बाद भी उनको कुछ समझ नहीं आ रहा था।

"चलो एक बार फैब इंडिया चलते हैं कुछ ट्रेडिशनल ट्राई कर के देख लो, शायद कुछ पसंद आ जाए"। टीना ने कहा तो सब चल दिए उसके पीछे। वहाँ सबने कुरता, चूढी़दार के साथ ऊपर मोदी जी जैसी जैकेट। बस कुरते के रंग सब ने अलग- अलग लिए।

साथ में बाटा के शोरूम से हश पप्पीज के लेेदर की मोजडी टाइप सैंडिल, पसंद करवा कर काम खत्म किया। भुवन ने अपने लिए भी वही ले लिया। सबने एक ही जोडी खरीदी, पर टीना के कहने पर भुवन को 2 जींस , 3 शर्ट और 5 टीशर्ट लेनी पड़ी।

"शेरनी आज पहली बार अपने लिए इतनी शॉपिंग की है"। भुवन ने कहा तो टीना झट से बोली," शादी है आपकी, कोई मजाक नहीं है, अभी कम शॉपिंग की है आपने"। "हाँ भाई टीना ठीक ही कह रही है, रवि को साइड लेता देख बाकी सब भी बोल उठे हाँ भैया सही बात है"। सबको टीना की तरफ होते देख भुवन भी हँस दिया।

शॉपिंग के बाद फूड कोर्ट में थोड़ा बहुत खा लिया। "आप लोगो का क्या प्लान है"?टीना ने भुवन से पूछा। इनकी शॉपिंग हो गयी है अब घर निकलते हैं। "अरे वाह!! ऐसे कैसे निकल रहे हो आप लोग? भुवन मैं क्या पहनूँगी शादी में? मुझे तो कुछ नही ले कर दिया"??

"माफ कर दे शेरनी मैं भूल गया था। चलो जो लेना है ले लो"। भुवन ने कहा। "मैंने मजाक किया, मैं बाद में लूँगी"। "अब हम सब हैं तो हमारे साथ ले लो"। नरेन ने कहा तो भुवन बोला , चलो अब नखरे मत करो जल्दी चलो। थोड़ी देर में अँधेरा हो जाएगा।

टीना ने कहा एक शर्त है भुवन, "अब तुम लोग स्लेक्ट करोगे मेरे लिए"। "पर हमने कभी लड़कियों के कपडे खरीदे नही, तुमने देखा था न संध्या की शॉपिंग के टाइम। मुझे नहीं पता चलता इसलिए कोई राय नही दी"।
भुवन ने कहा।