Hindi Quote in Poem by Dev Srivastava Divyam

Poem quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

उस शहर की हवाएं


आज फिर उस शहर से गुजरा,
जहां हम मिले थें कभी ।
उसकी हवाओं में तुम्हारी,
बसी हैं यादें आज भी ।

महसूस किया उन हवाओं को,
तो याद आई कहानी पुरानी ।
वो हमारा पवित्र प्रेम जो,
इस जहां के लिए था बेइमानी ।

वो मिलना हमारा, 
छिप छिप कर सबसे ।
वो बातें करना, 
बहानों के जरिए ।

वो गुजरना मेरा, 
तेरे घर के सामने से ।
वो आना तेरा, 
मुझसे नोट्स लेने ।

वो कसमें वो वादें,
जो किए थें हमने साथ में ।
अब तो वो बातें,
रह गईं बस याद में ।

डोली जब उठी थी तुम्हारी,
ये हवाएं थी साथी मेरी ।
आंसू मेरे पोंछ कर,
मानो पीठ थपथपाती मेरी ।

बातें तुमसे करने को आज,
ये दिल बेकरार हो उठा ।
आज फिर इन हवाओं में,
हमारा प्यार महक उठा ।

देख कर उन गलियों को,
याद आया हंसना तुम्हारा ।
हर एक मोड़ से गुजरते हुए,
दिख रहा था चेहरा तुम्हारा ।

उस शहर की हवाएं,
जैसे सांसें हैं तुम्हारी ।
उस शहर की जान,
मानो बातें हैं तुम्हारी ।

दिल की धड़कनों में,
बस यादें हैं तुम्हारी ।
मेरे इन सांसों में,
बस सांसें हैं तुम्हारी ।

दिल की गहराइयों में,
बसी हो तुम जैसे ।
कोई और ना कभी,
बस पाएगा ऐसे ।

मन में ख्याल आया,
बातें करूं मैं तुमसे ।
पर अब तो सिर्फ सपनों में,
होती है मुलाकातें तुमसे ।

भूल गया था मैं जान बूझ कर,
इस शहर को, इन हवाओं को ।
पर कैसे भुलाऊं मैं तेरे साथ बिताए,
वो पल और उन यादों को ।

अब इन हवाओं से है बस,
इतनी सी गुजारिश ।
कि पहुंचा दें उस रब तक,
मेरे दिल की ये ख्वाहिश ।

ये जन्म था तेरा,
भले ही किसी और के लिए ।
लेकिन अब हर जन्म,
हम दोनों हों एक दूजे के लिए ।

और इसी के साथ एक, 
हवा का झोका आया ऐसे ।
सुन कर मेरी बातों को,
दे रहा हो आश्वासन जैसे ।

~ देव श्रीवास्तव " दिव्यम " ✍️

Hindi Poem by Dev Srivastava Divyam : 111954536
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now