वफा ए शहर सजा के शीशे उमीद तो रख

वो जो आका मसनद के हाले जीत को परख

आपके मुंह आपकी आवाज वादे पाले प्रीत जो चख

इकतेदार ए झुला गरज कदे माले गीत को सत्र

महंगा ना देख आज चले बढे पीर सो जंग

रूजगार सा गाया गाना बसे हे ताईद तो चख

Hindi Blog by JUGAL KISHORE SHARMA : 111928989

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