आधा सच।

आधा सच जानकर आप क्या करेंगे अब रोहित
जी। जो होना था सो तो हो गया। काश ये सच
का अंश पहले ही पता चल गया होता तो रीमा की
असामायिक मृत्यु नहीं होती। समय की मांग को देखते हुए रीमा ने किसी से कुछ कहना उचित नहीं समझा और शादी के एक दिन पहले आत्महत्या जैसे
अपराध को गले लगा लिया था।

परिवार में लड़की की शादी को लेकर जो गहमा-गहमी होती है । वो सब होना चाहिए ही।
मगर ये अनहोनी को कौन टाल सकता था। इधर
शादी के गीत गाए जा रहे हैं और दुल्हन अपनी मौत
की साज़िश को मन ही मन रच रही है। सभी लोग
उसकी ऐसी षड्यंत्र कारी योजना से अंजान थे।
परिवार के लोगों ने सोचा कि शादी से पहले हर
लड़की भावुक हो जाती है।

बस शादी का लगन लेकर जाने वाले ही थे लोग
उसी समय नेग के लिए लड़की को स्पर्श कराकर की रस्म शुरू होती है। अब दुल्हन पक्ष के लोग लग्न
लेकर निकलने लगे थे। संयोग से लगन और तिलक
एक ही दिन रखा गया था। समय कम होने के कारण
ऐसा विधान रचा गया। लड़का आर्मी में था।


छुट्टी कम होने के कारण वो शादी के तीन दिन बाद बार्डर पर जाने वाले थे। लड़का-लड़की दोनों
एक दूसरे को पसंद करते थे। परन्तु लड़की की एक
गलती जो उसकी जीवन लीला को समाप्त करने के
लिए कारण बन गई थी। लड़की को किसी अन्य लड़के से प्यार हो गया था। मगर लोक लज्जा के
कारण वो चुप रही थी। मगर उसके प्रेमी की निशानी
लड़की के पेट में पल रहा था। वो सोच रही थी कि
पति को पता तो चल ही जाएगा । बस एक क्षण
के लिए उसने मोह त्याग दिया और दुपट्टे से गले में
फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

लड़की की मां रात्रि के फंक्शन में तैयार करने के लिए ब्यूटीशियन को लेकर आई थी। जैसे ही मां ने दरवाजा खोला तो रीमा फैन से लटक रही थी। प्राण पखेरू उड़ गए थे उसके। शादी की जगह अब मातम
पसर गया था।

मां अपने मन में सोच रही थी कि इसलिए बेटी
शादी करना नहीं चाह रही थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि लड़की गर्भवती थी। अब लड़की के
प्रेमी मनुज को पता चला कि उसकी प्रेमिका अब
दुनिया में नहीं है। तो वो तुरंत घटना स्थल पर पहुंच गया। लेकिन अब क्या हो सकता था। उसे अपनी गलती का अहसास हो गया और वो एक पल देरी किए बिना ही घटना स्थल से चला गया था।

अब वो अफसोस कर रहा था कि उसकी एक जबर्दस्त भूल ने प्रेमिका की जान ले ली। लड़की की
मां और पिताजी बातें कर रहे थे रोते हुए कि लड़की
का पूरा सच जान ही लेते। उसने आधा सच तो
बता दिया था मगर उसकी बात को लोगों ने हल्के में ले लिया था। लड़की की सुनता कौन है जब कि
शादी बेमेल कर दी गई थी। लड़की ने कहा था मां से
जब आप पूरा सच जान लोगे तो मैं उस समय तक इस दुनिया से जा चुकी हूंगी। लेकिन मां पिताजी
को जिद थी प्रेम विवाह नहीं हो सकता है।

बेटी को खोकर मां के पास अब हार्दिक अफसोस करने के सिवा कोई भी चारा नहीं था। रोते-रोते मां
बोलती जा रही थी कि काश मैं आधा सच और जानने की कोशिश करती तो बेटी आज जिंदा होती।
मेरे और मेरे पति की जिद ने अपनी चलाईं और
और हाथ कुछ नहीं आया। दो मौत एक साथ
हो गयी। लड़की और उसके गर्भ में पलता बच्चा जो
समाज की नजर में मान्य नहीं होता है।

-Anita Sinha

Hindi Story by Anita Sinha : 111926288

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now