Quotes by Tripti Singh in Bitesapp read free

Tripti Singh

Tripti Singh

@triptisingh171505
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आज के आधुनिक युग में टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया, इन सब का होना भी एक घने जंगल से कम नहीं जिसके अंदर भटकना बहुत खुशी देता है, जिस तरह से जंगल में हमे कुछ विषैले फल तो कुछ गैर विषैले फल को और कई तरह के पेड़ पौधों को जानने समझने का मौका मिलता है।

ठीक उसी तरह हमे टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया में भी यही देखने को मिलता है जिसमें कुछ लोग अंदर बाहर दोनों से ही विषैले हैं तो कुछ लोग शहद रूपी विष रखते हैं तो कभी कुछ बहुत अच्छे विचारों के लोग मिल जाते हैं।

Tripti Singh.....

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मैंने अपने गमों में कमी देखी!
जब मुस्कराती हुई "माँ" देखी!

मैंने खूबसूरती बेइंतहा देखी!
जब मुस्कराती हुई माँ देखी!

मोहब्बत कितनी ही गहरी क्यों ना हो!
उसका आखिरी अंजाम जिस्म ही होता है!

#Just post

मोहब्बत भी अब दिमाग से कीजिए जनाब!
क्योंकि दिल से तो अब खिलवाड़ किया जाने लगा है!


#Just post

ये दुनिया बड़ी अजीब है साहब यहाँ इश्क के नाम पर जिस्म ऐ इश्क होता है!
जिसने इंकार किया वो सरेआम रुसवा होता है!

#Just post

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तुमने कहा मुझमें ज्यादा गुरूर है
लेकिन मैंने अकड़ कर कहा नहीं मुझमें ज्यादा गुरूर है
वहीं पास खड़ा वक्त (समय) व्यंग सा मुस्करा दिया.......

-Tripti Singh

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ओ स्त्री क्या खबर है तुम्हें..........
जन्म से ही मैंने सुना है!
तुम आम नहीं तुम खास हो!
वक्त आने पर तुम विनाश हो!
कभी दुर्गा हो तो कभी काली हो!
तो कभी चंचल सी आंगन फुलवारी!
तो कभी तीखी सी कटार की धार हो!
नाजुक सी हो पर कमजोर नहीं!

Tripti Singh....

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गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं आप सभी को..... 🇮🇳🇮🇳❤️❤️🇮🇳🇮🇳❤️❤️🇮🇳🇮🇳❤️❤️🇮🇳🇮🇳