The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
आज के आधुनिक युग में टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया, इन सब का होना भी एक घने जंगल से कम नहीं जिसके अंदर भटकना बहुत खुशी देता है, जिस तरह से जंगल में हमे कुछ विषैले फल तो कुछ गैर विषैले फल को और कई तरह के पेड़ पौधों को जानने समझने का मौका मिलता है। ठीक उसी तरह हमे टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया में भी यही देखने को मिलता है जिसमें कुछ लोग अंदर बाहर दोनों से ही विषैले हैं तो कुछ लोग शहद रूपी विष रखते हैं तो कभी कुछ बहुत अच्छे विचारों के लोग मिल जाते हैं। Tripti Singh.....
मैंने अपने गमों में कमी देखी! जब मुस्कराती हुई "माँ" देखी!
मैंने खूबसूरती बेइंतहा देखी! जब मुस्कराती हुई माँ देखी!
मोहब्बत कितनी ही गहरी क्यों ना हो! उसका आखिरी अंजाम जिस्म ही होता है! #Just post
मोहब्बत भी अब दिमाग से कीजिए जनाब! क्योंकि दिल से तो अब खिलवाड़ किया जाने लगा है! #Just post
ये दुनिया बड़ी अजीब है साहब यहाँ इश्क के नाम पर जिस्म ऐ इश्क होता है! जिसने इंकार किया वो सरेआम रुसवा होता है! #Just post
तुमने कहा मुझमें ज्यादा गुरूर है लेकिन मैंने अकड़ कर कहा नहीं मुझमें ज्यादा गुरूर है वहीं पास खड़ा वक्त (समय) व्यंग सा मुस्करा दिया....... -Tripti Singh
ओ स्त्री क्या खबर है तुम्हें.......... जन्म से ही मैंने सुना है! तुम आम नहीं तुम खास हो! वक्त आने पर तुम विनाश हो! कभी दुर्गा हो तो कभी काली हो! तो कभी चंचल सी आंगन फुलवारी! तो कभी तीखी सी कटार की धार हो! नाजुक सी हो पर कमजोर नहीं! Tripti Singh....
गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं आप सभी को..... 🇮🇳🇮🇳❤️❤️🇮🇳🇮🇳❤️❤️🇮🇳🇮🇳❤️❤️🇮🇳🇮🇳
Copyright © 2024, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser