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उनसे बातें कम हो रही है आजकल ,मुझसे नाराज है क्या? उनके आवाज में सन्नाहट भरी हुई थी, कुछ खास बात है क्या?
उनसे मिलने की ख्वाइश अधूरी रह गई.. मैं बेरोजगार बैठा रहा .... किसी और की किस्मत पूरी हो गई... शायद ऊपर वाले ने मुकद्दर कुछ और लिखा होगा ..... मैं लम्हे उनके इंतजार में बीतता रहा... उन्होंने लहंगा बनवाया और किसी गैर की बहु बन गई।
हमसे ताल्लुक रखोगी तो तबियत ठीक रहेगी आपकी, हम वो हकीम है जो लफ्जों से इलाज कर सकते है।।
बात बस इतनी है कि ..... एक वक्त था जब हम उन्हें पसंद करते थे।।
आज हम इतने दोहरे चरित्र के क्यू हो गए है। एक वक्त था जब हम बच्चे थे, हमारी सभी अच्छी बुरी चीजों पे हमारे मम्मी - पापा का का अपना एक विचार होता था। हम अपनी सारी खुशियां उनसे बताने के लिए उत्सुक रहते थे। फिर अचानक एक दिन हमे लगने लगा कि हम बड़े और समझदार हो गए है। हमें अपनी पर्सनल स्पेस और प्राइवेसी की जरूरत पड़ने लगी। हम अपनी चीजों कानून छिपाने लगे। ये कैसा दोहरा मुखौटा है हमारा , विचार करने वाली बात तो है।
मुझे आपसे मोहब्बत हो गई है, सुबह शाम आपको देखने की चाहत हो गई है, हर वक्त आपकी आहट भरता है दिल सच कहीं तो आप अब जरूरत बन गई है।।
नींद रात भर नहीं आती मन शांत नहीं हो पता, आपकी याद जब भी आती दिल बेचैन हो जाता।।
क्या क्या तारीफें करूं आपकी अब मैं ...... आपकी आंखे जैसे को गहरा सागर ।।
आपको सुकून भर देख सकूं , यही तमन्ना है
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