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A cute smile on her face vanishes my all worries and makes me glad. #चेहरा
I am grateful to those who like and comments on my post!!!!as it's only 1 day to be a part of this community app and I am getting good response..so I felt I should share my feelings by this way with you guys!!!this is my request to all if u like my post pls like it n u can comments about the Post also!!! bcoz appreciation makes u more motivated to do better n best!!! #महसूस
Being on the beach early morning gives you a splendid feeling and different sort of calmness and huge positivity.I could feel the beauty of the scenario into me that made me crazy🤗🙂🏝️#peacefulfeelingonthebeach. I am missing the 'feeling' during the crucial period #Lockdown3 .0 #महसूस
बुरा वक्त है टल जाएगा, नया सूरज नयी दिशा दिखाएगा। लेकिन उसके लिए तुझे धीरज धरना होगा, नयी सुबह की प्रतीक्षा करना होगा।। माना परिस्थितियां विषम है, विचलित हुआ तेरा मन है। कल का सवेरा होगा, इस कशमकश में तेरा मन है।। आज देश-प्रेम ही तेरा सर्वोपरि धर्म है, इससे बड़ा ना कोई तेरा कर्म है। भारत मां को इस संकट से तू ही बचाएगा, आख़िर तू ही सच्चा संकट मोचन कहलाएगा।। राष्ट्र की स्थिति दिनों-दिन दिन हुई दयनीय, साथ न देते कदम निंदनीय। बंद मस्तिष्क के पट खोल ज़रा, अन्यथा रिक्त हो जाएगा सब भरा-भरा।। माना संक्रामित हुई हवा है, पर दूषित न बना अपनी मानसिकता। जो देश हित के लिए उचित है, तू बस वो मापदंड अपना।। प्रतीत होता है,प्रकृति ने तुझे चेताया है, इसके साथ खिलवाड़ का परिणाम समक्ष आया है। अब तो तुझे संयम धरना होगा, हर जगह संतुलन करना होगा। अगर ये खिलवाड़ यूं ही चलता जाएगा, समकालीन दृश्य बारम्बार आएगा।। मानसी शर्मा
#काव्य१ - देखो ! क्या साल आया है , संग भयावह महामारी का उपहार लाया है। त्रासदी को बुनकर अपने झोले में, इन्सान को चेताने आया है। देखो! क्या साल आया है। वैश्वीकरण के इस युग में, 'सोशल डिस्टेंसिंग' एक शस्त्र बना है। आज मानव जाति को बचाने, सम्पूर्ण राष्ट्र का वर्चस्व लगा है। निज स्वार्थ का त्याग सीखाने आया है, देखो! क्या साल आया है । यदि मानव जाति को बचाना हैं , तो लॉकडाउन का पालन करना होगा । पूरा देश ही ग्रीन जोन में हो , ऐसा संकल्प धरना होगा । अनुशासन का पाठ पढ़ाने आया है, देखो! क्या साल आया है। क्या कमी रह गई थी बीते कुछ सालों में , सुधार का हमें मौका देने आया है। कलयुगी गल्तियों को सुधारने हेतू, सतयुगी जीवन शैली भेंट करने आया है। इन्द्रियों को वश में कैसे करें बताने आया है , देखो! क्या साल आया है । विडंबना देखो, इंसान चारदीवारी में कैद हुआ । पंछियो की चहचाहट में , पूरा वातावरण सराबोर हुआ। अब 'ऑड ईवन' की जरूरत नहीं, प्रकृति स्वयं ही प्रदूषण मुक्त हुई है । स्वछंद हवा के गीत गाने आया है, देखो!क्या साल आया है । धर्म , जाति की लड़ाई से ऊपर उठकर , राष्ट्रहित को सिद्ध करना, मृत इंसानियत को परोपकारिता से जीवित करना, निज हितों को भूलकर , मानव जीवन की रक्षा करने वाले, 'योद्धाओं' से साक्षात्कार कराने आया है , देखो! क्या साल आया है। इस साल से तो कुछ सीखना होगा, वसुधैव कूटूम्बकम् व मानवता , के सिद्धान्तों पर चलना होगा। गर भावी पीढ़ी को सुखमय जीवन देना है, तो आत्मीयता से आज चिंतन करना होगा । इसी चिंतन से रुबरु कराने आया है , देखो! क्या साल आया है। मानसी शर्मा
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