💞 वो अनजानी सी मुलाक़ात 💞
वो राहें थीं कुछ अनजानी सी,
हवा भी थोड़ी सी दीवानी सी।
नज़रें जब उनसे टकराईं,
दिल में एक लहर सी आई।
पहले बस एक मुस्कान थी,
फिर बातों की पहचान थी।
कब दिन गुज़रने लगे बातों में,
कटने लगीं रातें यादों में।
वो उनका हँसना, वो शर्माना,
हर बात पे नज़रें झुकाना।
मेरे दिल को वो छूने लगा था,
एक ख़्वाब सा बुनने लगा था।
डरते-डरते एक रोज़ कहा,
“बिन आपके दिल न जाए रहा।”
सुनकर वो चुप सी हो गईं,
जैसे किसी सोच में खो गईं।
फिर धीरे से वो मुस्काईं,
आँखों में “हाँ” नज़र आई।
लगा जैसे सब थम सा गया हो,
आसमाँ ज़मीं पे रम सा गया हो।
आज हाथ में उनका हाथ है,
ज़िन्दगी भर का साथ है।
शुरू हुई जो अनजानी राहों पर,
वो कहानी अब मंज़िल पा गई है।