तू भूल भी जाए तो क्या फर्क पड़ता है
तेरी यादों ने मुझमें तेरा घर बना लिया है
अब लौटे न लौटे तू, कोई ग़म नहीं मुझे
मैंने तुझे अपने हिस्से का खुदा बना लिया है,,,,,
टूट जाऊंगी मैं अगर तो
तेरा रूठ कर मुझसे दूर जाना क्या सही होगा ?
जो मेरी आंखों में ठहरी एक खूबसूरत सी तस्वीर तुम्हारी
उसे अपने हिस्से का हमदर्द बना लिया है ,,,,,,,
- Manshi K