आजकल कॉलेज में क्लास से ज़्यादा क्लासमेट्स के रिश्ते चलते हैं।
पहले एग्ज़ाम की टेंशन होती थी,
अब लड़के-लड़कियाँ पेपर से ज़्यादा एक-दूसरे की शकलें निहारते हैं!
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एक दिन का किस्सा सुनो...
एग्ज़ाम हॉल में एक लड़का बैठा था,
बगल वाली लड़की तीन दिन से उस पर “प्रेम की नकल” उतरवा रही थी।
लड़के को लग रहा था –
“यार, अब तो पक्की मेरी लाइफ सेट है…
पेपर भी पास, प्यार भी पास।” 😎
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लेकिन फाइनल पेपर वाले दिन,
लड़की गायब!
कुर्सी खाली...
लड़का बोला –
“हे भगवान, ये तो सीधा हार्ट अटैक वाला पेपर है।”
तभी दोस्त आया और बोला –
“अरे भाई, तेरी वाली तो नहीं आई...
मतलब एग्ज़ाम छोड़कर, तुझे भी छोड़ गई!” 😂
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लड़के ने रोनी सूरत बनाई –
“अब कभी नहीं मिलेगी क्या?”
दोस्त बोला –
“अरे पगले… ये कॉलेज है, कोई कुम्भ का मेला थोड़ी है!
एक गई तो दूसरी आ जाएगी।
ये लड़कियाँ चाँद हैं...
और भाई तू खगोलशास्त्री!
एक चाँद डूबेगा, तो दूसरा टेलिस्कोप में दिख ही जाएगा!” 🌙🤣
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तो दोस्तों...
नतीजा ये है –
लड़कियों, इतना मत इतराओ।
ये लड़के तुम्हारे गायब होने का नहीं,
बस अगली आने का इंतज़ार करते हैं। 🤭😂
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