तुम्हारे जाने का ग़म कुछ इस तरह है,
कि सांसें तो चल रही हैं, मगर ज़िंदगी ठहर गई है।
दिल में एक खालीपन सा है,
जैसे आसमान से चाँद और तारों की चमक खो गई है।
लफ़्ज़ों में दर्द को बयां कर नहीं पाते,
ये आँसू हैं जो हर रात बस बहते चले जाते हैं।
- kajal jha