खलील जिब्रान की अपनी महबूबा,( मेज़यादाह)से मुहब्बत बिना किसी मुलाकात व दीदार के 20 वर्ष तक चलती रही!
जिब्रान न्यूयार्क में था और मेज्यादह काहिरा में रहती थी,
दुनिया के अलग अलग कोनो से दोनो प्रेम पत्रों से ख्यालो का तबादला करते,
एक खत में जिब्रान ने इल्तिजा की ,आप कैसी दिखती हो ?
,अपनी तस्वीर भेजना आइंदा खत क़े साथ,
मेज्यदा बोली, तसव्वुर करो में कैसी दिखती हु?
जिब्रान ने कहा मुझे लगता है आपके बाल छोटे होंगे जो आपके चेहरे को ढांप लेते होंगे
मेज्यादा ने अपने लंबे बाल कटवा दिए, और खत के साथ छोटे बालो वाली तस्वीर भेजदी
!
जिब्रान कहने लगा : देखा मेरा तसव्वुर सच्चा था?
मेज्यदा बोली, मुहब्बत ज्यादा सच्ची थी,
(वाया- मुरसलीन अली मुरशिद चेन्ची)