**"ये चूड़ियाँ जनाब,
सिर्फ खनकती नहीं,
मेरे सौभाग्य का गीत गाती हैं।
श्रृंगार ही नहीं,
मेरे मन का विश्वास भी हैं,
जो हर बार पहनने पर कहती हैं—
तुम मेरे थे,
तुम मेरे हो,
और मेरे ही रहोगे।
हर खनक में
तेरे नाम की गूंज है,
हर रंग में
तेरे प्रेम की धड़कन।
जब इन्हें अपने हाथों में पहनती हूँ,
तो लगता है
मानो नारायण से प्रार्थना कर रही हूँ—
मेरा सुहाग अटल रहे,
और तेरा साया
मेरे जीवन का आभूषण।"**