वक़्त....⏳⏱️
ना इसका कोई आदि है,ना कोई अंत हैं....
ना कभी ठहरता है,ना कभी पलट कर देखता है।
बस बढ़ते जाने ही इसकी फ़िदरत हैं..…..!!
कभी इंसान का वक़्त बदलता है,तो कभी वक़्त इंसान को बदल देता हैं। लेकिन हर वक़्त सबका इन्तेहान लेता रहता हैं....!!
वक़्त ही नसीब की लकीरें है, वक़्त ही कर्म का जोखा।
अच्छा हो या बुरा आखिरी सांस तक वक़्त ही तो साथ चलता है।
फिर क्यों हम वक़्त से दोस्ती नहीं कर लेते, क्यों अपने कर्मों का दोष उसे ही देते है।
शायद नसीब तो वक़्त का भी खराब होता होगा..…
नहीं तो हर वक़्त एक जैसी नहीं होती।।
वक़्त के हवाओं ने भी बदलाव की ओर रुख कर लिया है॥
कहीं घाव भरे है,तो कहीं दर्द हैं गहरा।।
पर ख्वाहिशों की जंजीरों में हर कोई है बंधा.....!!
फिक्र होती हैं मुझे अपने परिवार की ख्वाहिशों की धारा में सब कही इतनी दूर न बह जाए,कि किनारों पर लौट आना ही न मुमकिन हो जाए!!
घड़ी⏱️ की सुईयां भी तो वक़्त के साथ उसी जगह आती हैं बस वक़्त कितना लगेगा ये तो वक़्त ही बताएगा।।
तब तक वक़्त को अपना काम करने दीजिए⏳⏱️👍🤞
🦋Aanchal Roy🦋