सुन ना तेरी और न मैं अपनी आज बात करूंगी
कुछ अधूरे शब्दों में आज कुछ पूरी बात कहूंगी,,,,
लिपट जाऊंगी आज उन अंधेरों से मैं भी
मेरे सांवले रंग पर सादगी की बात करूंगी,,,,,
आज राधा की नहीं कृष्ण का गुणगान करूंगी
उनका निस्वार्थ प्रेम पर दो चार बात लिखूंगी,,,,,
ढलते शाम को एक पैग़ाम भेजूंगी
रातें किसी की यादों से सना हो , आज आंखों को जुबां दूंगी,,,,,
चुप होकर ए चांद, तेरी खामोशी का राज जानूंगी
कैसे रह लेते हो तुम इतना पास उससे, कभी तुझे समझ न पाऊंगी ,,,,,,
- Lotus M