**"कौन कहता है कि पत्नी प्रेमिका के बराबर नहीं हो सकती?
मिल लो उन लड़कियों से,
जिन्होंने कभी किसी से प्रेम न किया हो —
सिर्फ़ अपने पति से ही प्रेम किया हो।
वह पवित्र नारी,
जो एक 'सिंगल' लड़की की तरह
अपने पति के लिए ही सपनों का महल सजाए बैठी है।
जिसने अपने मन, अपने तन और अपनी आत्मा की
हर धड़कन सिर्फ़ पति के नाम लिख दी है।
इतनी निष्ठा, इतनी वफ़ादारी, इतनी पवित्रता—
यही है सच्ची 'पति-व्रता पत्नी' की पहचान।
उनके आगे हर प्रेम कहानी नतमस्तक हो जाती है।
और स्वयं प्रभु भी कहते हैं —
'जहाँ ऐसी पतिव्रता नारी होती है,
वहाँ मैं भी उसके अंग-अंग में निवास करता हूँ,
और उसके समर्पण के आगे नतमस्तक होता हूँ।'"**
- archana