आया राखी का त्यौहार ,
भाई नहीं चाहिए मुझे कोई उपहार ।
हंसदा वसदा रहे तेरा संसार ,
छोटा हैं पर बड़ों जैसा करना आदर सत्कार ।
आते जाते रहना बेशक गिले शिकवे हो हजार,
तेरी कलाई पर सजाऊं राखी मैं हर बार।
करूं दुआ यही यूंही रहे रिश्ता हमारा बरकार,
हमेशा रहे महफूज तू कभी ना हो अपनी तकरार।