राजकुमारी भी घुटनों पर बैठती हैं?”
अर्जुन ने कहा, हथियारबंद गार्ड्स के बीच।
सिया ने उसकी ओर देखा —
“राजकुमारी को रंग पसंद हैं, लेकिन ज़ंजीरें नहीं।”
“आप रंगों से डरते हैं?”😁
"नही!"😑
“मैं सिर्फ़ लाल रंग को पहचानता हूँ — खून का।”
सिया,"😳"
"खडूस!" सिया का मुंह बन गया। वो फिर अपने काम में लग गई।😒
सिया रंगोली बना रही थी, लेकिन अर्जुन दूर एक कोने में खड़ा उसे बस देख रहा था।
काव्या ने फुसफुसाया,
“अगर आँखें इज़हार कर सकतीं, तो अर्जुन सर अब तक प्रपोज कर चुके होते।”😁
सिया हँसी, “उनकी आँखों में इज़हार नहीं, पहरा होता है।”
"आपको नही पता वे आपको कैसे देखते है?"
"कैसे"😒
"जैसे ..की वो आपके अलावा कुछ देखना ही नही चाहते!"
सिया ने उसे घूरा। काव्या ने नकली मुस्कान दी।
जल्द ही✨
अध्याय 5
#hukmaurhasrat