“इस रिश्ते में मैं कभी तुम्हारी पहली पसंद थी ही नहीं… है न?”
पाँच साल पहले जब शहनाज़ की ज़िंदगी जबरन एक अनचाही शादी में बाँध दी गई, तब उसने सोचा था — वक़्त सब कुछ ठीक कर देगा।
लेकिन वक़्त के साथ सिर्फ़ उसका सब्र टूटा… प्यार नहीं मिला।
आरामदेह घर, सामाजिक इज़्ज़त, सब कुछ था…
बस नहीं था तो उसका हक़, उसकी पहचान, और उसके पति का प्यार।
वो हर रात उसकी बाहों में थी, लेकिन उसकी आँखों में नहीं।
पर एक दिन… उसे उसके दिल का सच मिला —
एक पुराना नाम, एक अधूरी मोहब्बत, और एक औरत जिसकी यादों में वो आज भी कैद था।
अब शहनाज़ क्या करेगी?
क्या वो इस रिश्ते को छोड़ देगी?
या एक नई शुरुआत के लिए उसकी बंद दिल की दुनिया में दस्तक देगी?
क्या एक जबरन रिश्ते से सच्ची मोहब्बत पैदा हो सकती है?
या फिर… मोहब्बत बस किस्मत वालों को मिलती है?
"अनचाही मोहब्बत" — एक ऐसी कहानी जो आपको रिश्तों की खामोश गहराइयों में ले जाएगी।
जहाँ सवाल बहुत हैं… पर जवाब सिर्फ़ दिल देता है।
जल्द ही🔥
~Diksha mis kahani