कभी चिडियो की चहचहाहट मन मोह ले जाती है
तो कही प्रकृति की चंचल हवाएँ दिल खुश कर जाती है
वक्त के साथ साथ उम्र का पहिया भी चलता जाता है
और व्यक्ति गिर गिरकर संभलता है
सुबह का सूर्योदय एक नई आज्ञा जगाता है
शाम का सूर्यास्त मन मे जगे अहंकार को मिटाता है
जरा ध्यान से सुनो तो पता चले कि प्रकृति हमसे कुछ कहती है
हमारे अत्याचारो से न जाने कितना कुछ सहती है
जिदंगी का नाम ही है आगे की ओर बढना
अपने भविष्य मे चार चाँद को जड़ना
- sakshi lodhi