बच्चों की शरारतें, मुस्कान की छाया,
कभी छोटी, कभी बड़ी, पर मन का साया।
बच्चे तो बच्चे युवा भी शरारतें करते हैं,
मन है शैतान, शैतानी करने लगते हैं।
खाली दिमाग है शैतान का घर,
जहाँ चलती है नकारात्मक की बात।
मन की शैतानी को रोकना है जरूरी,
शैतानी सोच को रोकना है जरुरी।
योग और ध्यान से मन को समझो,
अंतर की आवाज़ को सुनो, और अपनाओ।
मन को शांत कर, शांति से जियो,
यही तो है,जीवन का सच्चा राज़।
बच्चों की मुस्कान में है स्नेह का संसार,
दिल के भोलेपन में है जीवन का सार।
प्रेम और संयम से मन को सजाओं,
खुशियों का बसेरा, जिंदगी ऐसे जियो।
- कौशिक दवे
- Kaushik Dave