🌕📿 गुरु पूर्णिमा – एक आत्मिक जागृति 📿🌕
कभी जीवन की राहों में
जब उत्तर नहीं मिलते थे,
एक आवाज़ थी — "धैर्य रखो, समझ आएगी..."
और वही आवाज़ थी मेरे गुरु की... 👣🕉️
किताबों से तो ज्ञान मिला,
मगर जीना मैंने उनसे सीखा,
हर चुप्पी के पीछे का मौन,
हर प्रश्न के पीछे का अर्थ...
उन्होंने ही समझाया। 📚💫
"गुरुजी नमस्ते" अब
व्हाट्सऐप पर भेज देते हैं लोग,
पर वो हाथ जोड़कर
चरण-स्पर्श करने का सुख,
अब कहाँ खो गया? 🙏📲
गुरु वो नहीं जो सिर्फ पढ़ा दें,
गुरु वो हैं जो
जीवन को दिशा दे दें,
जो मौन में भी
आपका हाथ थामे रहें... 🕯️🛤️
अब भी सूरज उगता है,
पर मन के भीतर अंधेरा सा क्यों है?
क्योंकि दीया जलाने वाला गुरु
अब हर जगह नहीं होता। 🌞🕯️
आज गुरु पूर्णिमा है...
आइए सिर्फ "शब्द" नहीं,
श्रद्धा अर्पित करें —
और उस आत्मिक संबंध को फिर से जगाएं...
🌸 गुरु पूर्णिमा की मंगलमय शुभकामनाएं! 🌸
✍️ डॉ. पंकज कुमार बर्मन, कटनी, मध्यप्रदेश