जब जब प्यार में मोह होता है वो विष बन जाता है। प्यार सबसे खूबसूरत एहसास है और प्रेम उसकी पराकाष्ठा.....प्यार लड़ना, पाना सिखाता है लेकिन इसमें जब मोह भी शामिल हो जाता है तो वो न्याय भूल जाता केवल पाना ही सब कुछ लगता है । "प्यार" ये शब्द कभी गलत हो ही नहीं सकता । इसे करने वाला हमेशा जोड़ने का काम करता है संवारने का करता है तोड़ने का नहीं । और जहां ऐसा अन्याय हो विष हो वहा कुछ भी हो सकता है " प्यार" नहीं हो सकता । प्यार हद पार कर सकता है पर किसी की जान या किसी की खुशी दांव पर नहीं लगा सकता । क्योंकि जो प्यार करता है वो जनता हैं किसी सहारे की कीमत , किसी के साथ की कीमत , मन की खुशी , और दुख दर्द का एहसास । वो कभी किसी का बुरा कर ही नहीं सकता और अगर ये भावना आ जाए तो मान लीजिए प्यार अब प्यार नहीं रहा जुनून और जिद बन गया है प्यार खत्म हो गया है।