एक अधूरा प्यार
तू मिला था चुपके से एक शाम के साये में बिना कहे दिल ने तुझे अपना जान लिया तेरे मुस्कुराने में जैसी सारी दुनिया बसी थी और मैंने हर एहसास में तेरा नाम लिया वो अधूरा सा रिश्ता वो अनकही सी दास्तान आज भी मेरे रूह में गूंजती है तेरी यादें अब मेरी आदत सी बन गई है बहुत डर है ना पास बस कहीं बीच में रह गया है आज तो पास नहीं है मेरी दुआओं में है और यहीं एक अधूरा प्यार की कहानी बनती है