तुम बिन जीवन कैसा जीवन
तुम बिन जीवन कैसा जीवन
फूल खिले तो दिल मुरझाये
फूल खिले तो दिल मुरझाये
आग लगे जब बरसे सावन
तुम बिन जीवन कैसा जीवन
तुम बिन जीवन
रूठे तुम जब से पिया, रूठे तुम जब से
सुना सा है मन का ढेरा
बैरी है दुनिया, बैरी है दुनिया
बांटे कोई क्यू दुख मेरा
अपने आंसू अपना ही दामन
तुम बिन जीवन कैसा जीवन
तुम बिन जीवन
कैसे दिल बहले अय अय
कैसे दिल बहले
हंसना चाहु रोना आये
ढूंढा जग सारा, ढूंढा जग सारा
कुच्छ ना मुझे, कुछ ना भये
तोड़ गए तुम मन का दर्पण
तुम बिन जीवन कैसा जीवन
तुम बिन जीवन
किसको समझौ, किसको समझौ
गुजारी क्या क्या बीती क्या क्या
पूछे ये दुनिया, पूछे ये दुनिया
किसके हाथो ये दिल टूटा
हाल हुआ ये किसका करण
तुम बिन जीवन कैसा जीवन
फूल खिले तो दिल मुरझाये
फूल खिले तो दिल मुरझाये
आग लगे जब बरसे सावन
तुम बिन जीवन कैसा जीवन
तुम बिन जीवन
💕
- Umakant