तूँ तूँ करता तूँ भया, 
मुझ मैं रही न हूँ।
वारी फेरी बलि गई, 
जित देखौं तित तूँ ॥
“जीवात्मा कह रही है कि 
‘तू है’ ‘तू है’ कहते−कहते 
मेरा अहंकार समाप्त 
हो गया। 
इस तरह भगवान पर न्यौछावर होते−होते मैं पूर्णतया समर्पित
 हो गई। 
अब तो जिधर देखती हूँ 
उधर तू ही दिखाई देता
🙏🏻
 - Umakant