बोकर फल कड़वे लगे
कखाकर पल कड़वे लगे।
भूल गये
बीज जो रोपे तुमने , तुमने ही तो सँवारे
बीज बनी पौध वृक्ष बन तुमको ललकारे।
ताड़ हुआ वो छाँव न देता, जहर होकर मार ही देता। फल चाहन की इच्छा है तो वाही फल को बीज चुनो तुम। ,,, ।Parenting (लालन-पालन )- Ruchi Dixit