Hindi Quote in Thought by VIRENDER VEER MEHTA

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शव से शिव की ओर जाना. . .
(मात्र एक विचार-चेतना)

यह एक शाश्वत सत्य है कि इस सृष्टि पर जन्म लेने वाला प्रत्येक जीव जीवन के प्रति लालायित है, लेकिन ये भी एक सार्वभौमिक सत्य है कि जैसे ही कोई जीव उत्पन्न होता है, वहीं से वह मृत्यु की ओर अग्रसर होना (गति करना) आरंभ कर देता है, अर्थात 'शव' होने की प्रक्रिया की तरफ गति करने लगता है। इसीलिए कहते हैं 'राम नाम सत्य है, सत्य बोलो गत्य है'
लेकिन क्या हम जानते हैं? मृत्यु अंतिम सत्य नहीं है, अंतिम सत्य है शिव। वही सत्य है, वही सुंदर है। अर्थात शिव को पाना ही एकमात्र रास्ता है मृत्यु की दिशा में ,शव की दिशा में। और यही रास्ता है सत्य की दिशा में।

वस्तुतः शव होना ही वास्तव में शिव का होना है, अर्थात मृत्यु के बाद सभी को शिव के साथ एकाकार हो जाना है। भले ही इस सृष्टि में हम डॉक्टर-इंजीनियर, अमीर-ग़रीब, साधु-संन्यासी, बुद्ध-महावीर, राम-कृष्ण बन जाएं लेकिन सभी का अंतिम पड़ाव 'शव' ही है। और जब अंततः शिव (शव) ही होना है तो जीते जी शिव होने का प्रयास क्यों नहीं?
प्रत्येक व्यक्ति शिव बन सकता है, और जो शिव बनता है, वही शव अर्थात मृत्यु के ऊपर विजय पा सकता है। संसार में हर पल अनगिनित जीव शव बनने (मरने) के लिए तैयार हैं, लेकिन उसमें से बहुत से व्यक्ति (या साधु-संन्यासी, अघोरी) शव से आगे बढ़कर शिव को खोज रहे हैं, शिव बनने के लिए लगे हुए हैं। लेकिन क्या वे सच में 'शिव' होने की राह पर हैं या केवल भ्रम में हैं।
वास्तव में 'सत्य' को पाना ही शिव को पाना है, सत्य की ओर चलना ही शिव की खोज़ है, वरना असत्य की बेड़ियों में तो हम जकड़े ही हुए हैं; जिन्हें चाहे-अनचाहे अपने असत्य कर्मों से हम इन्हें (बेड़ियों को) और अधिक पुख़्ता करते जा रहे हैं।

और, 'हमें सत्य की ओर चलना है' सिर्फ यह कहने से भी काम नहीं चलेगा, क्योंकि 'सत्य' तो रेगिस्तान में पानी की वह बूंद है, जिसे ढूढ़ना बहुत-बहुत कठिन है। अगर हम अपने चारों ओर संसार में देखें, तो संसार की हर वस्तु हमें असत्य की ओर खींचती है और वास्तव में असत्य से ही तो संसार चलता नज़र आता है। असत्य तो अपने अनगिनित रूप में हमें मिलेगा, लेकिन सत्य का मिलना इतना सहज नहीं है।
इसे पाने के लिए हमें अपने शब्दों, विचारों, कर्मों, और इच्छाओं सभी को सत्य करना पड़ेगा। जब अंतःकरण और बाह्य करण, सब कुछ सत्य होगा, तभी तो सत्य की खोज़ का आरंभ होगा, तभी तो शिव की ओर चलने की यात्रा का आरंभ होगा।
क्या तैयार हैं हम सत्य की खोज़ के लिए. . . ?
शव से शिव की ओर जाने के लिए. . .?

महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

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// वीर //

Hindi Thought by VIRENDER  VEER  MEHTA : 111970032
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