वादे केवल कहकर पूरे नहीं होते,
जिन्हें करना है बिन कहे ही कर जाते हैं,
और जिन्हें जाना है दूर
सौ बहाने ले आते हैं ...
जम जाती है रिश्तों की बर्फ,
ज़िंदगी में कुछ रुक सा जाता है,
जब किसी का किसी से किया हुआ वादा
जीवित ना हो पाता है,
ना जाने कितने डे आते हैं,
आज के इस 'प्रॉमिस डे' की तरह,
जब वादे बिना सोचे-समझे किए जाते हैं,
जब लड़कियों के हथेलियों पर लगी मेहंदी पर
अलग-अलग वक़्त पर कितनों के
ही नाम बदल जाते हैं,
जब लड़के किसी एक लड़की के साथ
क़दम से क़दम मिलाकर गुमराह इश्क़ लिए
ज़्यादा दूर तक ना चल पाते हैं,
ना जाने क्या पाने की चाहत में,
लोग भावनाओं में ना जाने कौन सा
सौदा कर जाते हैं
और जाने क्या-क्या कह जाते हैं
जिनके बस कुछ चुभते,
इस दर्द भरे दिल में
फ़रेब ही रह जाते हैं ...
सुनो आज, अभी, इसी वक़्त
अगर किसी से वादा करना तो निभाना भी,
अगर किसी के साथ हो,
किसी के पास हो तो और क़रीब आना भी,
या यूं ही रहना बिन वादा किए,
क्यूंकी, वादे केवल कहकर पूरे नहीं होते,
जिन्हें करना है पूरे बिन कहे ही कर जाते हैं,
और जिन्हें जाना है दूर
सौ बहाने ले आते हैं ...