दोहा-सृजन हेतु शब्द*
*सड़क, सुरक्षा, हेलमेट, दुर्घटना, रफ्तार*
बनी *सड़क* मजबूत हैं, जैसे बनी विदेश।
भारत यातायात का, बदल गया परिवेश ।।
सड़क *सुरक्षा* के लिए, सजग हुई सरकार।
टू-लाइन से हो गए, फोर-लेन विस्तार।।
*हेलमेट* को पहनकर, वाहन पर हों लोग।
कभी न संकट घेरते, जीवन सुखमय-भोग।।
कभी न *दुर्घटना* घटे, सजग रहें जब आप।
समय पूर्व घर से चलें, कभी न हो संताप।।
गाड़ी जब हो हाथ में, ध्यान रखें *रफ्तार*।
चौकस होकर ही चलें,जीवन की दरकार।।
मनोज कुमार शुक्ल *मनोज*