क्यों हम ऐसे हैं 
पता नहीं क्यों 
क्यों झूठ का हामी में जवाब हम नहीं दे पाते 
क्यों सबको मुंह पर ही उनका सच बतलाते हैं 
क्यों नहीं आती हमको बेईमानी या धोखेबाजी 
क्यों नहीं हम किसी का दिया हुआ अपमान भूल पाते हैं 
हमें क्यों नहीं आती चालाकियां 
क्यों हम उन जैसे नहीं होते जो जैसा करते हैं 
कई बार हमारी अच्छाई का हमें भुगतान चुकाना पड़ता है
कई बार हम लोगों से बेवजह की तकरार से दूर हो जाते हैं 
तो क्यों नहीं हमें उनकी चालबाजी समझ नहीं आती 
क्यों हम ऐसे है पता नहीं 
पर फिर भी हम जो भी है हमें अपने आप पर फर्क है..
२६/०६/२२
जय श्री कृष्ण 🙏🏻 
 - Bindu