झुकी झुकी सी नजर
बे-करार है कि नहीं
दबा दबा सा सही
दिल में प्यार है कि नहीं
तू अपने दिल की
जबॉ धड़कनों को
गिन के बता
मिरी तरह तेरा दिल
बे-बेकरार है कि नहीं
वो पल कि जिसे
मे मोहब्बत ज़बान
होती है
उस पल पल का
तुझे इंतिज़ार है
कि नहीं
तिरी उमीद पे ठुकरा
रहा हूँ दुनिया को
तुझे भी अपने पे ये
ए’तिबार है कि नहीं
…फिल्म अर्थ (1982)
🕺
- Umakant