हे भगवान, मुझको गरीब क्यों बनाया,
हर ख्वाब में तेरा नाम, पर धन से दूर रखा।
खुशियों की तलाश में, भटकता हूँ मैं हर ओर,
तेरे दर पर आता हूँ, तन्हा, बेबस, और निराशा में डूबा।
क्या मेरी मेहनत का कोई मोल नहीं है,
या किस्मत की लकीरें, मुझसे दूर ही हैं?
तेरे साए में छुपा है, मेरा हर दर्द और ग़म,
बस एक बार सुन ले, मेरी दुआओं का है ये आलम