“जीवन का यही है दस्तूर,
प्यार बिना अकेला मजबूर
दोस्ती को माने तो सब दुख दूर
दोस्ती को माने तो सब दुख दूर
कोई कहे ठोकर खाए,
मेरे संग आये
के पग पग डुबकी जलाये,
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
दोनों के हैं रूप हजार,
पर मेरी सुने जो संसार”
🥵
- Umakant