अब हम उम्र के उस पड़ाव पर आ गए हैं
कि अब हमसे कोई रूठ जाएगा या कोई खफा हो जाएगा
इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता
क्योंकि हमें पता है हम सही है
इसीलिए हम अपने स्वाभिमान के लिए कोई समझौता नहीं करेंगे एक दौर था जब लोग हमें समझाते थे और हम झुक जाते थे लेकिन अब वह दौर खत्म हो चुका है
अब हम अपने कर्तव्य के सिवा और कुछ नहीं सोचते
हां कई बार ऐसा लगता है तो शायद हम यह कर पाते
लेकिन कई बार हमारी नियति भी हमसे दो कदम आगे चलती है
- Bindu